Terrorists who attacked punjab had lethal armour piercing bullets /बुलेट प्रूफ जैकेट्स भी भेद सकने वाली चाइना मेड गोलियां लाए थे आतंकी

Swati
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चंडीगढ़. सोमवार को गुरदासपुर के दीनानगर पुलिस स्टेशन पर हमला करने वाले तीनों आतंकी खतरनाक हथियारों से लैस थे। एक अंग्रेजी अखबार ने पंजाब पुलिस के एक अफसर के हवाले से कहा है कि आतंकियों के पास से जो गोलियां बरामद की गई हैं, वे बुलेट प्रूफ जैकेट्स को भी भेद सकती हैं। ये गोलियां चीन में मैन्युफैक्चर्ड हैं।
व्हीकल्स के लिए भी खतरनाक
आतंकियों के मारे जाने के बाद जो बुलेट्स बरामद की गईं हैं, उन्हें टेक्निकली armour-piercing incendiary bullets या एपीआई कहा जाता है। अफसर के मुताबिक, ये बुलेट्स बुलेट प्रूफ जैकेट और व्हीकल्स की बॉडी को भेद सकती हैं। इस अफसर ने बताया कि भारत में अब तक हुए टेररिस्ट अटैक्स में इस तरह की बुलेट्स कम ही इस्तेमाल की गई हैं।
पुलिस के पास बुलेट प्रूफ जैकेट्स की भी कमी
पंजाब पुलिस में करीब 80 हजार अफसर और जवान हैं, लेकिन हैरानी की बात यह है कि इतने बड़े स्टाफ के पास केवल 1387 बुलेट प्रूफ जैकेट्स हैं। ये जैकेट्स भी एपीआई बुलेट्स को नहीं झेल सकतीं। एपीआई बुलेट्स का साइज 7.62 एमएम ही होता है, लेकिन इनका ठीक सामने वाला छोर (प्रोजेक्टाइल्स) बेहद हार्ड और नुकीला होता है। यह 0.7 इंच स्टील को भी भेद सकता है। खास बात यह है कि बुलेट प्रूफ जैकेट बनाने में 0.7 इंच स्टील फ्रेम का ही यूज किया जाता है।
चीन में मैन्युफैक्चर्ड
गोलियों की जांच के बाद पता लगा कि इनके हेडस्टाम्प पर 71 लिखा है। दरअसल, हेडस्टाम्प से ही मैन्युफैक्चरिंग कंपनी या देश का पता लगता है। 71 नंबर चीन के लिए इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि, अब तक ये साफ नहीं हो पाया है कि गुरदासपुर के एसपी बलजीत सिंह की मौत इसी गोली की वजह से हुई या नहीं। एक पुलिस इंस्पेक्टर को जो गोली लगी है, उसके बारे में जरूर ये माना जा रहा है कि वह एपीआई बुलेट ही है। डॉक्टरों का कहना है कि उसे पूरी तरह ठीक होने में करीब छह महीने लगेंगे।

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