प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी श्रीनगर के लोगों को इफ्तार पार्टी दे सकते हैं। सूत्रों के अनुसार मोदी 17 जुलाई को पूर्व सांसद और मंत्री गिरधारी लाल डोगरा के 100वें जन्मदिवस समारोह में भाग लेने के लिए जम्मू जाएंगे।
पीएम कार्यक्रम के बाद उसी दिन श्रीनगर चले जाएंगे, जहां वे एक इफ्तार पार्टी की मेजबानी कर सकते हैं। ईद 17 या 18 को होने की संभावना है। सूत्रों के अनुसार मोदी अमरनाथ यात्रा पर भी जा सकते हैं।
पीएम कार्यालय ने प्रधानमंत्री की जम्मू-कश्मीर यात्रा की तैयारी शुरू कर दी है। हालांकि अंतिम कार्यक्रम प्रधानमंत्री की स्वदेश वापसी के बाद तय होगा। भाजपा के पीडीपी के साथ सत्ता संभालने के बाद पीएम पहली बार राज्य का दौरा करेंगे।
इससे पहले उन्होंने बाढ़ की विभीषिका के बाद राज्य में ही दिवाली की रात बिताई थी। उस दौरान सवाल उठा था कि राज्य में आने के लिए उन्होंने ईद का दिन क्यों नहीं चुना। पीएम ने बीते हफ्ते ‘मन की बात’ कार्यक्रम में रक्षाबंधन का जिक्र किया था।
इस दौरान रमजान होने के बावजूद, इसका उल्लेख नहीं करने के कारण भी उन्हें कांग्रेस का निशाना बनना पड़ा था। इन सब को देखते हुए पीएम की इस जम्मू-कश्मीर यात्रा को सियासी तौर पर बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
यात्रा का खाका ऐसे समय खींचा जा रहा है, जब 14 जुलाई को संघ राज्य सरकार के कामकाज की समीक्षा करने जा रहा है। वहीं 12 जुलाई को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने मुफ्ती सरकार में शामिल पार्टी के मंत्रियों को दिल्ली तलब किया है।
दरअसल भाजपा अपने से विपरीत विचारधारा वाली पीडीपी के साथ मिलकर सरकार बनाने के बाद राज्य में अपनी अलग पहचान नहीं खोना चाहती है। साथ ही इस सरकार के जरिए वह मुसलमानों को सकारात्मक सियासी संदेश भी देना चाहती है।
भाजपा से जुड़े सूत्रों का कहना है कि वे अपने दौरे पर रियासत के लिए पैकेज की घोषणा कर सकते हैं। बाढ़ पीड़ितों के पुनर्वास तथा प्रबंधन के प्रोजेक्ट को केंद्र सरकार ने सिद्धांतत: मंजूरी दे दी है, जिसकी घोषणा संभव है।
साथ ही जम्मूवासियों की एम्स की मांग का भी एलान हो सकता है। पिछले दिनों राज्य के वित्त मंत्री डा. हसीब द्राबू ने कहा था कि इसी महीने मोदी वित्तीय पैकेज की घोषणा करेंगे।
रियासत में भाजपा-गठबंधन की सरकार बनने के बाद वे पहली बार यहां आएंगे। इसके पहले वे मुफ्ती सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में पहली मार्च को आए थे।
पीएम कार्यक्रम के बाद उसी दिन श्रीनगर चले जाएंगे, जहां वे एक इफ्तार पार्टी की मेजबानी कर सकते हैं। ईद 17 या 18 को होने की संभावना है। सूत्रों के अनुसार मोदी अमरनाथ यात्रा पर भी जा सकते हैं।
पीएम कार्यालय ने प्रधानमंत्री की जम्मू-कश्मीर यात्रा की तैयारी शुरू कर दी है। हालांकि अंतिम कार्यक्रम प्रधानमंत्री की स्वदेश वापसी के बाद तय होगा। भाजपा के पीडीपी के साथ सत्ता संभालने के बाद पीएम पहली बार राज्य का दौरा करेंगे।
इससे पहले उन्होंने बाढ़ की विभीषिका के बाद राज्य में ही दिवाली की रात बिताई थी। उस दौरान सवाल उठा था कि राज्य में आने के लिए उन्होंने ईद का दिन क्यों नहीं चुना। पीएम ने बीते हफ्ते ‘मन की बात’ कार्यक्रम में रक्षाबंधन का जिक्र किया था।
इस दौरान रमजान होने के बावजूद, इसका उल्लेख नहीं करने के कारण भी उन्हें कांग्रेस का निशाना बनना पड़ा था। इन सब को देखते हुए पीएम की इस जम्मू-कश्मीर यात्रा को सियासी तौर पर बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
यात्रा का खाका ऐसे समय खींचा जा रहा है, जब 14 जुलाई को संघ राज्य सरकार के कामकाज की समीक्षा करने जा रहा है। वहीं 12 जुलाई को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने मुफ्ती सरकार में शामिल पार्टी के मंत्रियों को दिल्ली तलब किया है।
दरअसल भाजपा अपने से विपरीत विचारधारा वाली पीडीपी के साथ मिलकर सरकार बनाने के बाद राज्य में अपनी अलग पहचान नहीं खोना चाहती है। साथ ही इस सरकार के जरिए वह मुसलमानों को सकारात्मक सियासी संदेश भी देना चाहती है।
भाजपा से जुड़े सूत्रों का कहना है कि वे अपने दौरे पर रियासत के लिए पैकेज की घोषणा कर सकते हैं। बाढ़ पीड़ितों के पुनर्वास तथा प्रबंधन के प्रोजेक्ट को केंद्र सरकार ने सिद्धांतत: मंजूरी दे दी है, जिसकी घोषणा संभव है।
साथ ही जम्मूवासियों की एम्स की मांग का भी एलान हो सकता है। पिछले दिनों राज्य के वित्त मंत्री डा. हसीब द्राबू ने कहा था कि इसी महीने मोदी वित्तीय पैकेज की घोषणा करेंगे।
रियासत में भाजपा-गठबंधन की सरकार बनने के बाद वे पहली बार यहां आएंगे। इसके पहले वे मुफ्ती सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में पहली मार्च को आए थे।