विज्ञापन मामले में अब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ अदालत की अवमानना याचिका दायर की गई है। उन पर अदालत के आदेश के संबंध में गलत बयानबाजी करने का आरोप लगाया गया है।
याचिका पर 27 जुलाई को सुनवाई होगी। याची हरवीर चौधरी व अधिवक्ता विपिन बी.सिंह ने तर्क रखा है कि कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन की याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश जी.रोहिणी की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने 15 जुलाई को केंद्र सरकार से पूछा था कि विज्ञापन नीति पर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए फैसले को अमल में लाने के लिए क्या उपाय किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि जनहित याचिका में केजरीवाल सरकार द्वारा जनता के धन को विज्ञापनों में बर्बाद करने से रोकने की मांग की गई है।
उन्होंने कहा कि 18 जुलाई को वे एक टीवी चैनल देख रहे थे। जिसमें केजरीवाल ने कहा कि हाईकोर्ट ने विज्ञापन मामले में दायर याचिका खारिज कर दी और कहा कि सरकार अच्छा काम कर रही है।
याची ने कहा कि अदालत ने इस प्रकार का आदेश नहीं दिया। याचिका अभी विचाराधीन है ऐसे में केजरीवाल का बयान काफी गंभीर है।
उन्होने कहा कि केजरीवाल का बयान अदालत के आदेश की अवमानना है, ऐसे में उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए।
याचिका पर 27 जुलाई को सुनवाई होगी। याची हरवीर चौधरी व अधिवक्ता विपिन बी.सिंह ने तर्क रखा है कि कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन की याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश जी.रोहिणी की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने 15 जुलाई को केंद्र सरकार से पूछा था कि विज्ञापन नीति पर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए फैसले को अमल में लाने के लिए क्या उपाय किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि जनहित याचिका में केजरीवाल सरकार द्वारा जनता के धन को विज्ञापनों में बर्बाद करने से रोकने की मांग की गई है।
उन्होंने कहा कि 18 जुलाई को वे एक टीवी चैनल देख रहे थे। जिसमें केजरीवाल ने कहा कि हाईकोर्ट ने विज्ञापन मामले में दायर याचिका खारिज कर दी और कहा कि सरकार अच्छा काम कर रही है।
याची ने कहा कि अदालत ने इस प्रकार का आदेश नहीं दिया। याचिका अभी विचाराधीन है ऐसे में केजरीवाल का बयान काफी गंभीर है।
उन्होने कहा कि केजरीवाल का बयान अदालत के आदेश की अवमानना है, ऐसे में उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए।