दुनिया की सबसे बड़ी बर्फीली चोटी नेपाल में आए भीषण भूकंप से कांप गई है। इस बात का दावा एक नई रिपोर्ट में किया गया है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि माउंट एवरेस्ट नेपाल भूकंप के चलते करीब तीन सेटींमीटर दक्षिण पश्चिम की तरफ खिसक गया है। नेपाल में आए 7.8 तीव्रता के भूकंप के चलते ऐसा हुआ है।
इसके पहले पिछले एक दशक में माउंट एवरेस्ट पूर्वोत्तर की ओर 40 सेंटीमीटर तक घूम चुका था। पिछले 10 सालों में हर साल माउंट एवरेस्ट चार सेंटीमीटर पूर्वोत्तर की तरफ घूमा था। यही नहीं इसी समयावाधि में माउंट एवरेस्ट तीन सेंटीमीटर बढ़ गया है।
गौरतलब है कि नेपाल में आए भूकंप में माउंट एवरेस्ट पर भी भूस्खलन हुआ था। इस भूस्खलन में 18 लोगों की अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था। साथ ही वहां पर लगे बेस कैंप पूरी तरह से बरबाद हो गए थे।
इस साल हुए नुकसान को देखते हुए नेपाल और चीन दोनों ही देशों ने इस बार माउंट एवरेस्ट पर होने वाली चढ़ाई को रोक दिया है। गौरतलब है कि नेपाल और चीन दोनों ही देशों को यह माउंट एवरेस्ट छूता है।
25 अप्रैल, 2015 को नेपाल में आए भूकंप में करीब 8700 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था। इस भूकंप में करीब 5 लाख परिवार प्रभावित हुए थे। नेपाल समेत पूर्वी भारत में इस भूकंप का असर देखने को मिला था। बिहार में भी कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी।
चाइना डेली के मुताबिक 7.3 तीव्रता से आए भूकंप का माउंट एवरेस्ट पर कोई असर नहीं पड़ा था। अध्ययन में पाया गया कि दोबारा आए भूकंप से माउंट एवरेस्ट पर कोई असर नहीं पड़ा था।
इसके पहले पिछले एक दशक में माउंट एवरेस्ट पूर्वोत्तर की ओर 40 सेंटीमीटर तक घूम चुका था। पिछले 10 सालों में हर साल माउंट एवरेस्ट चार सेंटीमीटर पूर्वोत्तर की तरफ घूमा था। यही नहीं इसी समयावाधि में माउंट एवरेस्ट तीन सेंटीमीटर बढ़ गया है।
गौरतलब है कि नेपाल में आए भूकंप में माउंट एवरेस्ट पर भी भूस्खलन हुआ था। इस भूस्खलन में 18 लोगों की अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था। साथ ही वहां पर लगे बेस कैंप पूरी तरह से बरबाद हो गए थे।
इस साल हुए नुकसान को देखते हुए नेपाल और चीन दोनों ही देशों ने इस बार माउंट एवरेस्ट पर होने वाली चढ़ाई को रोक दिया है। गौरतलब है कि नेपाल और चीन दोनों ही देशों को यह माउंट एवरेस्ट छूता है।
25 अप्रैल, 2015 को नेपाल में आए भूकंप में करीब 8700 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था। इस भूकंप में करीब 5 लाख परिवार प्रभावित हुए थे। नेपाल समेत पूर्वी भारत में इस भूकंप का असर देखने को मिला था। बिहार में भी कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी।
चाइना डेली के मुताबिक 7.3 तीव्रता से आए भूकंप का माउंट एवरेस्ट पर कोई असर नहीं पड़ा था। अध्ययन में पाया गया कि दोबारा आए भूकंप से माउंट एवरेस्ट पर कोई असर नहीं पड़ा था।