झीलों के शहर भोपाल में इन दिनों पारिवारिक झगडों के अजीब किस्से सामने आ रहे हैं। अभी तक पति और ससुरालियों के अत्याचारों से त्रस्त विवाहिताओं के किस्से सुनने के आदी लोगों को ये जानकर शायद ही यकीन हो पाए कि भोपाल के पुरुष अपनी पत्नियों के हाथों शोषण का दंश झेल रहे हैं। ऐसे लोगों की आवाज उचित मंच तक पहुंचाने के लिए अब एक संस्था ने बीड़ा उठाया है।
इससे पहले कि आप किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचे आपको ऐसे ही दो किस्सों से रूबरू करवाते हैं। अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार शहर निवासी अनिल की शादी 2009 में नीतू से हुई थी जिसके बाद दंपति दुबई में शिफ्ट हो गई।
साल 2013 में अनिल की पत्नी नीतू अपने बच्चे के साथ किसी शादी समारोह में शामिल होने के लिए भोपाल आई और उसके बाद वापास जाने से इंकार कर दिया। कुछ दिन बाद ही नीतू के मायके वालों ने अनिल की सारी कमाई नीतू को भेजने की बात कही।
इसके बाद उन्होंने 50 लाख की मांग करते हुए हर माह दो लाख रुपये नीतू के खर्चे के देने के लिए नोटिस भेज दिया। शायद इस पर भी बस नहीं था, कुछ दिन बाद ही नीतू की ओर से मई 2014 में अपने ससुराल वालों के खिलाफ घरेलू हिंसा का मुकदमा दर्ज करा दिया गया।
गत 25 मई को अनिल के घर वाले मामले की पहली तारीख पर पहुंचे। इस सारे घटनाक्रम से अनिल के 75 वर्षीय पिता को गहरा सदमा लगा कि वो अवसाद में पहुंच गए, जिसके बाद उन्होंने गत 22 मार्च को ट्रेन के आगे कूदकर जान दे दी। हालत ये है कि अब अनिल के घरवाले इसकी रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए धक्के खा रहे हैं।
शहर का ऐसा ही एक वाकया तो और होश उड़ा देने वाला है। जहां बीएचईएल में काम करने वाले शेखर जो मूलरूप से यूपी के रहने वाले हैं ने शादी के दो महीने बाद ही अपनी पत्नी को उन्हें धोखा देते हुए पकड़ लिया। बकौल शेखर उनकी पत्नी अपने नग्न फोटो चोरी छिपे अपने पूर्व ब्वायफ्रेंड को भेजती थी।
शेखर ने एक दिन जब उसका मोबाइल चेक किया तो मामले का भेद खुला। शेखर ने पत्नी को समझाने का प्रयास किया तो वो लड़कर वापिस अपने घर गोरखपुर चली गई।
सालभर चले मध्यस्थता के प्रयासों के बाद भी पति पत्नी में बात नहीं बन सकी जिसके बाद त्रिशा के परिवार ने शेखर के सामने 20 लाख रुपए की मांग रख दी जो उन्होंने शादी में खर्च किए थे। अब शेखर परेशान हैं करें तो करें क्या।
यह किस्सा अकेले अनिल और शेखर का ही नहीं है शहर में ऐसे सैकडों किस्से हैं जिनमें बेकसूर होने के बावजूद भी पति और उनके घरवाले फर्जी मुकदमे झेलने को मजबूर हैं। ऐसे लोगों के लिए शहर में उम्मीद की बड़ी किरण बना है भोपाल अंगेस्ट इनजस्टिस
शनिवार को शहर में अपना सालभर पूरा करने पर भाई की ओर से कुछ ऐसे ही किस्सो को साझा किया गया जिनमें उनकी संस्था ने लोगों की मदद की। इस दौरान भाई की प्रमुख संस्था सेव इंडियन फैमिली (SAI) के सदस्य भी मौजूद रहे।
संस्था के भोपाल, इंदौर और उज्जैन चैप्टर के लगभग 100 से ज्यादा लोग इस दौरान मौजूद रहे, जिन्हें दहेज, घरेलू हिंसा और अन्य फर्जी मामलों में फंसाया गया था, उन्होंने संस्था के ओरिएंटेशन प्रोग्राम में शिरकत की। साई के कोषाध्यक्ष वासिफ अली ने बताया कि हम लोगों से केस शुरू होने से पहले उस समय बात करते हैं जब वह सबसे ज्यादा परेशान होते हैं।
इसके बाद मामलों में सबूत जुटाए जाते हैं। इसके अलावा जिन मामलों में पत्नियां फर्जी बिल या झूठे कागज लगाकर पतियों से ज्यादा दौलत हड़पने की कोशिश करती हैं वहां हम काउंटर केस करते हैं और इनकम टैक्स विभाग में आरटीआई लगाकर उनके संबंध में जानकारी मांगी जाती है।
भोपाल चेप्टर के संस्थापक जकी अहमद बताते हैं कि हमने बीते साल मध्यप्रदेश से ही लगभग 11 हजार कॉल्स साई की नेशनल हेल्प लाइन पर इस संबंध में प्राप्त की थी।
इससे पहले कि आप किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचे आपको ऐसे ही दो किस्सों से रूबरू करवाते हैं। अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार शहर निवासी अनिल की शादी 2009 में नीतू से हुई थी जिसके बाद दंपति दुबई में शिफ्ट हो गई।
साल 2013 में अनिल की पत्नी नीतू अपने बच्चे के साथ किसी शादी समारोह में शामिल होने के लिए भोपाल आई और उसके बाद वापास जाने से इंकार कर दिया। कुछ दिन बाद ही नीतू के मायके वालों ने अनिल की सारी कमाई नीतू को भेजने की बात कही।
इसके बाद उन्होंने 50 लाख की मांग करते हुए हर माह दो लाख रुपये नीतू के खर्चे के देने के लिए नोटिस भेज दिया। शायद इस पर भी बस नहीं था, कुछ दिन बाद ही नीतू की ओर से मई 2014 में अपने ससुराल वालों के खिलाफ घरेलू हिंसा का मुकदमा दर्ज करा दिया गया।
गत 25 मई को अनिल के घर वाले मामले की पहली तारीख पर पहुंचे। इस सारे घटनाक्रम से अनिल के 75 वर्षीय पिता को गहरा सदमा लगा कि वो अवसाद में पहुंच गए, जिसके बाद उन्होंने गत 22 मार्च को ट्रेन के आगे कूदकर जान दे दी। हालत ये है कि अब अनिल के घरवाले इसकी रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए धक्के खा रहे हैं।
शहर का ऐसा ही एक वाकया तो और होश उड़ा देने वाला है। जहां बीएचईएल में काम करने वाले शेखर जो मूलरूप से यूपी के रहने वाले हैं ने शादी के दो महीने बाद ही अपनी पत्नी को उन्हें धोखा देते हुए पकड़ लिया। बकौल शेखर उनकी पत्नी अपने नग्न फोटो चोरी छिपे अपने पूर्व ब्वायफ्रेंड को भेजती थी।
शेखर ने एक दिन जब उसका मोबाइल चेक किया तो मामले का भेद खुला। शेखर ने पत्नी को समझाने का प्रयास किया तो वो लड़कर वापिस अपने घर गोरखपुर चली गई।
सालभर चले मध्यस्थता के प्रयासों के बाद भी पति पत्नी में बात नहीं बन सकी जिसके बाद त्रिशा के परिवार ने शेखर के सामने 20 लाख रुपए की मांग रख दी जो उन्होंने शादी में खर्च किए थे। अब शेखर परेशान हैं करें तो करें क्या।
यह किस्सा अकेले अनिल और शेखर का ही नहीं है शहर में ऐसे सैकडों किस्से हैं जिनमें बेकसूर होने के बावजूद भी पति और उनके घरवाले फर्जी मुकदमे झेलने को मजबूर हैं। ऐसे लोगों के लिए शहर में उम्मीद की बड़ी किरण बना है भोपाल अंगेस्ट इनजस्टिस
शनिवार को शहर में अपना सालभर पूरा करने पर भाई की ओर से कुछ ऐसे ही किस्सो को साझा किया गया जिनमें उनकी संस्था ने लोगों की मदद की। इस दौरान भाई की प्रमुख संस्था सेव इंडियन फैमिली (SAI) के सदस्य भी मौजूद रहे।
संस्था के भोपाल, इंदौर और उज्जैन चैप्टर के लगभग 100 से ज्यादा लोग इस दौरान मौजूद रहे, जिन्हें दहेज, घरेलू हिंसा और अन्य फर्जी मामलों में फंसाया गया था, उन्होंने संस्था के ओरिएंटेशन प्रोग्राम में शिरकत की। साई के कोषाध्यक्ष वासिफ अली ने बताया कि हम लोगों से केस शुरू होने से पहले उस समय बात करते हैं जब वह सबसे ज्यादा परेशान होते हैं।
इसके बाद मामलों में सबूत जुटाए जाते हैं। इसके अलावा जिन मामलों में पत्नियां फर्जी बिल या झूठे कागज लगाकर पतियों से ज्यादा दौलत हड़पने की कोशिश करती हैं वहां हम काउंटर केस करते हैं और इनकम टैक्स विभाग में आरटीआई लगाकर उनके संबंध में जानकारी मांगी जाती है।
भोपाल चेप्टर के संस्थापक जकी अहमद बताते हैं कि हमने बीते साल मध्यप्रदेश से ही लगभग 11 हजार कॉल्स साई की नेशनल हेल्प लाइन पर इस संबंध में प्राप्त की थी।