हर लड़की का ख्वाब होता है कि वह शादी करे। इन 'स्पेशल' बेटियों ने भी यह सपना देखा है, लेकिन शादी को लेकर इनकी सोच औरों से अलग है। आप भी जानिए।
सोच रहे होंगे कि ये स्पेशल बेटियां कौन हैं? हम बात कर रहे हैं एसिड अटैक पीड़िताओं की, जिनके जहन में उस भयावह हादसे के जख्म हरे हैं, लेकिन वे जिंदगी को खुलकर जीने का जज्बा रखती हैं और शादी करना चाहती हैं। इसके लिए उन्हें ऐसा जीवन साथी चाहिए जो उसकी भावनाओं और चिंताओं को समझ सके।
लुधियाना की राजवंत कौर पर 2007 में एसिड अटैक हुआ। उसके बाद कुछ वक्त के लिए तो उसकी जिंदगी थमी रही, लेकिन वह रुकी नहीं, लेकिन अब वह शादी करना चाहती है और उसका मानना है कि कामयाबी के लिए कुछ कर दिखाने की हिम्मत और जज्बा होना जरूरी है। उसके लिए सुंदरता ज्यादा मायने नहीं रखती। राजवंत कौर को फोटोग्राफी का बहुत शौक है। वह हर तरह की फोटो खींचकर उसे संभाल कर रखती है।
राजवंत कहती हैं कि जख्मों के आगे उसका शौक कुछ डगमगाया जरूर पर उसने हिम्मत नहीं हारी। हमले के बाद इस शौक को पूरा करने के लिए उसे एक संस्था ने कैमरा दिया है। राजवंत कौर की मां ने बताया कि उनकी बेटी अब शादी करना चाहती है। उसे ऐसा लड़का चाहिए जो कोआपरेटिव हो। फोर्टिस अस्पताल के डॉक्टर्स ने कहा कि अगर कोई राजवंत की मदद करना चाहता है या उससे शादी का इच्छुक है तो वह फोर्टिस अस्पताल से संपर्क कर सकता
एसिड अटैक के बाद राजवंत कौर का इलाज सीएमसी अस्पताल में किया गया। अब तक उसकी सात बार सर्जरी हो चुकी है। लास्ट टाइम राजवंत के कान की सर्जरी की गई थी। जिसके बाद उसे इंफेक्शन हो गया, जो करीब तीन महीने बाद ठीक हुआ। राजवंत की सर्जरी का खर्च सहयोग से ही किया जा रहा है। तेजाब आंखों में पड़ने के कारण राजवंत को एक आंख से भी कम दिखाई देता है।
सोच रहे होंगे कि ये स्पेशल बेटियां कौन हैं? हम बात कर रहे हैं एसिड अटैक पीड़िताओं की, जिनके जहन में उस भयावह हादसे के जख्म हरे हैं, लेकिन वे जिंदगी को खुलकर जीने का जज्बा रखती हैं और शादी करना चाहती हैं। इसके लिए उन्हें ऐसा जीवन साथी चाहिए जो उसकी भावनाओं और चिंताओं को समझ सके।
लुधियाना की राजवंत कौर पर 2007 में एसिड अटैक हुआ। उसके बाद कुछ वक्त के लिए तो उसकी जिंदगी थमी रही, लेकिन वह रुकी नहीं, लेकिन अब वह शादी करना चाहती है और उसका मानना है कि कामयाबी के लिए कुछ कर दिखाने की हिम्मत और जज्बा होना जरूरी है। उसके लिए सुंदरता ज्यादा मायने नहीं रखती। राजवंत कौर को फोटोग्राफी का बहुत शौक है। वह हर तरह की फोटो खींचकर उसे संभाल कर रखती है।
राजवंत कहती हैं कि जख्मों के आगे उसका शौक कुछ डगमगाया जरूर पर उसने हिम्मत नहीं हारी। हमले के बाद इस शौक को पूरा करने के लिए उसे एक संस्था ने कैमरा दिया है। राजवंत कौर की मां ने बताया कि उनकी बेटी अब शादी करना चाहती है। उसे ऐसा लड़का चाहिए जो कोआपरेटिव हो। फोर्टिस अस्पताल के डॉक्टर्स ने कहा कि अगर कोई राजवंत की मदद करना चाहता है या उससे शादी का इच्छुक है तो वह फोर्टिस अस्पताल से संपर्क कर सकता
एसिड अटैक के बाद राजवंत कौर का इलाज सीएमसी अस्पताल में किया गया। अब तक उसकी सात बार सर्जरी हो चुकी है। लास्ट टाइम राजवंत के कान की सर्जरी की गई थी। जिसके बाद उसे इंफेक्शन हो गया, जो करीब तीन महीने बाद ठीक हुआ। राजवंत की सर्जरी का खर्च सहयोग से ही किया जा रहा है। तेजाब आंखों में पड़ने के कारण राजवंत को एक आंख से भी कम दिखाई देता है।