आप यदि एटीएम का इस्तेमाल करते हैं तो सावधान हो जाइए क्योंकि ऐसे जालसाजों का गिरोह इन दिनों सक्रिय है जो एटीएम को बाधित कर आपके खाते से रुपये उड़ा देगा और आपको पता ही नहीं चलेगा। जी हां, फूलपुर कोतवाली पुलिस के हत्थे चढ़े गिरोह के ऐसे ही दो सदस्यों से पूछताछ में जो जानकारी मिली है उससे न सिर्फ पुलिस बल्कि बैंक अधिकारियों के भी होश उड़ गए हैं। इस चौंकाने वाले खुलासे के बाद बैंक अधिकारियों को खाताधारकों से सतर्क रहने की अपील करनी पड़ रही है। उनका कहना है कि जब तक एटीएम की स्क्रीम पर वेलकम न लिखकर आ जाए, वहां से हटें न। यदि इंतजार के बाद भी वेलकम लिखा न आए तो कार्ड मशीन में पुन: डालकर कोई भी गलत कोड डालने के बाद ही हटें। इससे आपकी रकम सुरक्षित रहेगी।
फूलपुर कोतवाल तेजबहादुर सिंह हमराहियों के साथ सोमवार की सुबह क्षेत्र में निकले थे। भ्रमण के दौरान पुलिस टीम की नजर भोरमऊ गांव के बाहर पुलिया के पास संदिग्ध हाल में खड़े दो युवकों पर पड़ी। पुलिस ने जब उनकी तलाशी ली तो तमंचा, कारतूस और चाकू बरामद हुआ। दोनों को थाने लाकर पूछताछ की गई तो पता चला कि पकड़े गए युवक एटीएम चोर गिरोह के सदस्य हैं।
इनमें पवई थाना क्षेत्र के बहिरापारा गांव निवासी प्रमोद यादव और इसी थाना क्षेत्र के कछरा गांव का नीरज यादव शामिल है। दोनों ने एटीएम से रुपये उड़ाने की जो तरकीब बताई उससे पुलिस अफसरों के कान खड़े हो गए।
दोनों जालसाज अब तक माहुल, पवई और अंबारी बाजार के एटीएम से कई लोगों के खातों से 50 हजार से अधिक रुपये निकाल चुके हैं। पुलिस की मानें तो जालसाजी करते हुए इन दोनों की फुटेज यूबीआई सिकरौर के एटीएम में लगे सीसीटीवी में भी देखी गई थी। दोनों का चालान कर पुलिस उनके गिरोह से जुड़े अन्य सदस्यों की तलाश में जुटी है।
जालसाज किसी भी एटीएम के ऊपर बाएं तरफ कोने में बने कैंसिल वाले बटन को दबाकर मशीन को बाधित कर वहीं खड़े रहते हैं। इस दौरान कोई दूसरा व्यक्ति रुपये निकालने के लिए जब कार्ड और पासवर्ड डालता है तो रुपये नहीं निकलते।
ऐसे में जालसाज मशीन चेक करने का बहाना बनाकर अपना कार्ड उल्टा कर मशीन में डाल देते हैं। साथ ही कैंसिल वाले बटन को एक बार फिर दबाने से एटीएम सक्रिय हो जाता है। ऐसे में किसी उपभोक्ता द्वारा निकालने के लिए भरी गई रकम बाहर निकल आती है। जब तक खाताधारक को इसकी भनक लगे, जालसाज फरार हो जाते हैं।
हरे रंग की बत्ती न जले तो समझ लें गड़बड़ है
यूबीआई के क्षेत्रीय प्रबंधक शैलेश कुमार सिंह ने एटीएम का इस्तेमाल करने वाले उपभोक्ताओं से मशीन में लगी हरे रंग की बत्ती का ध्यान रखने की कहा है। उन्होंने बताया कि यदि एटीएम की हरे रंग बत्ती न जले और मशीन से रुपया न निकले तो समझ लें कि कुछ गड़बड़ है।
इसके अलावा यदि कोड डालने के बाद भी रुपया न निकले तो क्लीयर वाला बटन दबा दें। उपभोक्ताओं को चाहिए कि जब तक वेलकम लिखकर न आ जाए, तब तक वहां से न हटें। यदि वेलकम लिखकर न आए तो पुन: मशीन में अपना कार्ड डालें और कोई गलत कोड डालकर छोड़ दें। इससे आपकी रकम जालसाजों से सुरक्षित रहेगी।
फूलपुर कोतवाल तेजबहादुर सिंह हमराहियों के साथ सोमवार की सुबह क्षेत्र में निकले थे। भ्रमण के दौरान पुलिस टीम की नजर भोरमऊ गांव के बाहर पुलिया के पास संदिग्ध हाल में खड़े दो युवकों पर पड़ी। पुलिस ने जब उनकी तलाशी ली तो तमंचा, कारतूस और चाकू बरामद हुआ। दोनों को थाने लाकर पूछताछ की गई तो पता चला कि पकड़े गए युवक एटीएम चोर गिरोह के सदस्य हैं।
इनमें पवई थाना क्षेत्र के बहिरापारा गांव निवासी प्रमोद यादव और इसी थाना क्षेत्र के कछरा गांव का नीरज यादव शामिल है। दोनों ने एटीएम से रुपये उड़ाने की जो तरकीब बताई उससे पुलिस अफसरों के कान खड़े हो गए।
दोनों जालसाज अब तक माहुल, पवई और अंबारी बाजार के एटीएम से कई लोगों के खातों से 50 हजार से अधिक रुपये निकाल चुके हैं। पुलिस की मानें तो जालसाजी करते हुए इन दोनों की फुटेज यूबीआई सिकरौर के एटीएम में लगे सीसीटीवी में भी देखी गई थी। दोनों का चालान कर पुलिस उनके गिरोह से जुड़े अन्य सदस्यों की तलाश में जुटी है।
जालसाज किसी भी एटीएम के ऊपर बाएं तरफ कोने में बने कैंसिल वाले बटन को दबाकर मशीन को बाधित कर वहीं खड़े रहते हैं। इस दौरान कोई दूसरा व्यक्ति रुपये निकालने के लिए जब कार्ड और पासवर्ड डालता है तो रुपये नहीं निकलते।
ऐसे में जालसाज मशीन चेक करने का बहाना बनाकर अपना कार्ड उल्टा कर मशीन में डाल देते हैं। साथ ही कैंसिल वाले बटन को एक बार फिर दबाने से एटीएम सक्रिय हो जाता है। ऐसे में किसी उपभोक्ता द्वारा निकालने के लिए भरी गई रकम बाहर निकल आती है। जब तक खाताधारक को इसकी भनक लगे, जालसाज फरार हो जाते हैं।
हरे रंग की बत्ती न जले तो समझ लें गड़बड़ है
यूबीआई के क्षेत्रीय प्रबंधक शैलेश कुमार सिंह ने एटीएम का इस्तेमाल करने वाले उपभोक्ताओं से मशीन में लगी हरे रंग की बत्ती का ध्यान रखने की कहा है। उन्होंने बताया कि यदि एटीएम की हरे रंग बत्ती न जले और मशीन से रुपया न निकले तो समझ लें कि कुछ गड़बड़ है।
इसके अलावा यदि कोड डालने के बाद भी रुपया न निकले तो क्लीयर वाला बटन दबा दें। उपभोक्ताओं को चाहिए कि जब तक वेलकम लिखकर न आ जाए, तब तक वहां से न हटें। यदि वेलकम लिखकर न आए तो पुन: मशीन में अपना कार्ड डालें और कोई गलत कोड डालकर छोड़ दें। इससे आपकी रकम जालसाजों से सुरक्षित रहेगी।