नेपाल त्रासदी में घर से बेघर होकर दर-दर की ठोकर खा रहे मुसीबत के मारों की मजबूरी का फायदा उठाने के लिए देह व्यापार के माफिया सक्रिय हो गए हैं। हालांकि पड़ोसी देश से मानव तस्करी पहले भी हो रही थी, लेकिन भूकंप के बाद इसमें बड़ी तेजी आई है।
आगरा के कश्मीरी गेट पर कोठों पर लाई गईं तीन लड़कियों की बरामदगी के बाद चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। भूकंप पीड़ित परिवारों को मदद का झांसा देकर उनकी 14 से 20 साल की बेटियों की तस्करी की जा रही है।
शहर में बड़ी संख्या में ऐसी लड़कियां होने की आशंका है। सामाजिक संगठन रेस्क्यू फाउंडेशन की दिल्ली शाखा के जांच अधिकारी संतोष सेधाई की सूचना पर पुलिस टीम ने सोमवार को कश्मीरी बाजार में छापा मारा था।प्राथमिक पूछताछ में पता चला है कि नेपाल में भूकंप के बाद कई शहरों में अभी तक मदद नहीं पहुंच पाई है। हजारों परिवार कैंप में रहने को मजबूर हैं।
इन्हीं कैंप पर आगरा के अलावा कई जगहों से दलाल पहुंच रहे हैं, जो पीड़ित परिवार की लड़कियों से मिलते हैं। पहले राहत सामग्री देते हैं। फिर उन्हें झांसे में लेते हैं। उन्हें बताते हैं कि उनके पास 14 से 20 साल की लड़कियों के लिए बच्चों की देखभाल करने जैसे कई काम हैं। रहने को घर भी मिलेगा। इसी झांसे में वे लोग लड़कियां भेज देते हैं।
भूकंप के बाद नौकरी दिलाने के बहाने नेपाल से छह लड़कियों को आगरा ला कर जबरन देह व्यापार कराने की सूचना पर यह कार्रवाई की गई थी। तीन कोठों से 10 को मुक्त कराया गया। इनमें नेपाल की तीन किशोरी थीं।
संतोष सेधाई ने बताया कि नेपाली लड़कियों की काउंसलिंग की जाएगी। यह पता किया जाएगा कि इनके क्षेत्र की और कितनी लड़कियों को यहां लाया गया है।
आगरा के कश्मीरी गेट पर कोठों पर लाई गईं तीन लड़कियों की बरामदगी के बाद चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। भूकंप पीड़ित परिवारों को मदद का झांसा देकर उनकी 14 से 20 साल की बेटियों की तस्करी की जा रही है।
शहर में बड़ी संख्या में ऐसी लड़कियां होने की आशंका है। सामाजिक संगठन रेस्क्यू फाउंडेशन की दिल्ली शाखा के जांच अधिकारी संतोष सेधाई की सूचना पर पुलिस टीम ने सोमवार को कश्मीरी बाजार में छापा मारा था।प्राथमिक पूछताछ में पता चला है कि नेपाल में भूकंप के बाद कई शहरों में अभी तक मदद नहीं पहुंच पाई है। हजारों परिवार कैंप में रहने को मजबूर हैं।
इन्हीं कैंप पर आगरा के अलावा कई जगहों से दलाल पहुंच रहे हैं, जो पीड़ित परिवार की लड़कियों से मिलते हैं। पहले राहत सामग्री देते हैं। फिर उन्हें झांसे में लेते हैं। उन्हें बताते हैं कि उनके पास 14 से 20 साल की लड़कियों के लिए बच्चों की देखभाल करने जैसे कई काम हैं। रहने को घर भी मिलेगा। इसी झांसे में वे लोग लड़कियां भेज देते हैं।
भूकंप के बाद नौकरी दिलाने के बहाने नेपाल से छह लड़कियों को आगरा ला कर जबरन देह व्यापार कराने की सूचना पर यह कार्रवाई की गई थी। तीन कोठों से 10 को मुक्त कराया गया। इनमें नेपाल की तीन किशोरी थीं।
संतोष सेधाई ने बताया कि नेपाली लड़कियों की काउंसलिंग की जाएगी। यह पता किया जाएगा कि इनके क्षेत्र की और कितनी लड़कियों को यहां लाया गया है।